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नतीजे से पहले सियासी ड्रामे की आहट % अपनी अपनी किलेबंदी करने मे जुटे

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Publish By: Ghughuti News Updated: Wed, 2022-03-09 09:53:13

Summery

रणनीति बननी शुरू हुई


Explanation

सोनू उनियाल देहरादून। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही उत्तराखंड में बड़े सियासी ड्रामे की आहट शुरू हो गई है । भाजपा ने सरकार बनाने का अभियान पर जोड़ तोड़ की राजनीति के रणनीतिकार राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय को देहरादून लाकर इसकी शुरुआत भी कर दी है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने पार्टी के कई बड़े नेताओं को मोर्चे पर उतारा है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने देहरादून पहुंचने के साथ ही अपना काम शुरू कर दिया है। इसमें एक तरफ उनके द्वारा पार्टी के मतदान अभिकर्ताओं को अलर्ट रहने और मतदान के दौरान किस प्रकार से काम किया जाता है उस के दिशा निर्देश दिए जाने का काम किया गया है । वहीं दूसरी तरफ उन्होंने पार्टी के अलग-अलग नेताओं के साथ मुलाकात करना भी शुरू कर दिया है। साथ ही बीजेपी नेता कि इन मुलाकातों के मायने प्रदेश में एक बार फिर राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है । हालांकि भाजपा के सभी नेता सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। जिसमें भाजपा को उम्मीद है। कि भाजपा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी और उसे किसी अन्य दल के सहयोग की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन फिर भी एग्जिट पोल के अनुमानों के हिसाब से जिस तरीके के रुझान दिख रहे हैं। उसको देखते हुए भाजपा अब कोई भी ऐसा मौका नहीं छोड़ना चाहती है जो सरकार बनाने की राह में रोड़ा बन सके इसलिए पार्टी के तरफ से हर विकल्प पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ देवेंद्र भसीन की माने तो इस चुनाव में एक बार फिर उत्तराखंड का इतिहास बदलने जा रहा है। जिसमें भारतीय जनता पार्टी सत्ता परिवर्तन के मिथक को तोड़ते हुए इस बार सत्ता में वापसी कर रही है। भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस को भले ही सरकार न बनाने का डर सता रहा हो । लेकिन भाजपा कहीं पर भी आशंकित नहीं है कि उनकी सरकार नहीं आ रही है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस में भी अपने विधायकों के लिए कवच तैयार करना शुरू कर दिया है क्योंकि कांग्रेस को फिर से डर सता रहा है कि 2016 की घटना एक बार फिर 2022 में दोहराई जा सकती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का देहरादून में आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। और उनके द्वारा लगातार पार्टी नेताओं को दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं कि किस प्रकार से मतगणना के दिन काम करना है और उसके बाद किस प्रकार की रणनीति रहने वाली है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना हैं कि उनकी तरफ से पार्टी के सभी विधायकों को सेफ़ करने का काम किया गया है। जिसमें कांग्रेस सतर्कता पूर्वक काम कर रही है । और इस बार भाजपा के किसी भी मंसूबे को पूरा नहीं होने देगी । विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले ही जिस प्रकार से सियासी दल अपनी किलाबंदी कर रहे हैं। उससे साफ जाहिर है कि सियासी दल परिणामों को लेकर आशंकित है। ऐसे में छोटे दलों और निर्दलीयों की जो अहम भूमिका रहने वाली है उस पर भी राष्ट्रीय दल विचार करते हुए नजर आ रहे हैं ताकि किसी भी प्रकार से साम दाम दंड भेद का उपयोग करते हुए सरकार बनाई जा सके।

सोनू उनियाल देहरादून। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही उत्तराखंड में बड़े सियासी ड्रामे की आहट शुरू हो गई है । भाजपा ने सरकार बनाने का अभियान पर जोड़ तोड़ की राजनीति के रणनीतिकार राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय को देहरादून लाकर इसकी शुरुआत भी कर दी है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने पार्टी के कई बड़े नेताओं को मोर्चे पर उतारा है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने देहरादून पहुंचने के साथ ही अपना काम शुरू कर दिया है। इसमें एक तरफ उनके द्वारा पार्टी के मतदान अभिकर्ताओं को अलर्ट रहने और मतदान के दौरान किस प्रकार से काम किया जाता है उस के दिशा निर्देश दिए जाने का काम किया गया है । वहीं दूसरी तरफ उन्होंने पार्टी के अलग-अलग नेताओं के साथ मुलाकात करना भी शुरू कर दिया है। साथ ही बीजेपी नेता कि इन मुलाकातों के मायने प्रदेश में एक बार फिर राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है । हालांकि भाजपा के सभी नेता सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। जिसमें भाजपा को उम्मीद है। कि भाजपा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी और उसे किसी अन्य दल के सहयोग की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन फिर भी एग्जिट पोल के अनुमानों के हिसाब से जिस तरीके के रुझान दिख रहे हैं। उसको देखते हुए भाजपा अब कोई भी ऐसा मौका नहीं छोड़ना चाहती है जो सरकार बनाने की राह में रोड़ा बन सके इसलिए पार्टी के तरफ से हर विकल्प पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ देवेंद्र भसीन की माने तो इस चुनाव में एक बार फिर उत्तराखंड का इतिहास बदलने जा रहा है। जिसमें भारतीय जनता पार्टी सत्ता परिवर्तन के मिथक को तोड़ते हुए इस बार सत्ता में वापसी कर रही है। भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस को भले ही सरकार न बनाने का डर सता रहा हो । लेकिन भाजपा कहीं पर भी आशंकित नहीं है कि उनकी सरकार नहीं आ रही है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस में भी अपने विधायकों के लिए कवच तैयार करना शुरू कर दिया है क्योंकि कांग्रेस को फिर से डर सता रहा है कि 2016 की घटना एक बार फिर 2022 में दोहराई जा सकती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का देहरादून में आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। और उनके द्वारा लगातार पार्टी नेताओं को दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं कि किस प्रकार से मतगणना के दिन काम करना है और उसके बाद किस प्रकार की रणनीति रहने वाली है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना हैं कि उनकी तरफ से पार्टी के सभी विधायकों को सेफ़ करने का काम किया गया है। जिसमें कांग्रेस सतर्कता पूर्वक काम कर रही है । और इस बार भाजपा के किसी भी मंसूबे को पूरा नहीं होने देगी । विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले ही जिस प्रकार से सियासी दल अपनी किलाबंदी कर रहे हैं। उससे साफ जाहिर है कि सियासी दल परिणामों को लेकर आशंकित है। ऐसे में छोटे दलों और निर्दलीयों की जो अहम भूमिका रहने वाली है उस पर भी राष्ट्रीय दल विचार करते हुए नजर आ रहे हैं ताकि किसी भी प्रकार से साम दाम दंड भेद का उपयोग करते हुए सरकार बनाई जा सके।

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